Menu
blogid : 14774 postid : 703621

आजु बहुतई हिचकियाँ अउती हईं

अपना लेख
अपना लेख
  • 19 Posts
  • 12 Comments

आजु बहुतई हिचकियाँ अउती हईं ।
तुम काहे इत्तो यादि करती हउ,
मनियत की मजबूरी हईं,
यादि करिबो जरूरी हईं,
अइसे नाई यादि करा करउ,
आजु बहुतई हिचकियाँ अउती हईं ।
अइसे नाई दिलु धड़काउ करउ,
दिलु मचलि जाति हई,
मनु भटकि जाति हई,
थोरो अपना-काजे समुझाउ करउ,
आजु बहुतई हिचकियाँ अउती हईं ।
थोरी हमरिउ परेशानी समुझउ करउ,
नम्बरू तुमरे पासि हई,
फोनु नाई सही ताऊ नाई,
फेसबुकई परिहां मैसिजु करि देउ करउ,
आजु बहुतई हिचकियाँ अउती हईं ।
By:-राघवेन्द्रसिंह

Tags:                     

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh